Oct 25, 01:07 amबताएंपश्चिमी दिल्ली, जागरण संवाददाता : पुलिस का विद्रूप चेहरा एक बार फिर सामने आया है। बिंदापुर इलाके में एक युवक को पुलिस वालों ने अपने खिलाफ गवाही देने पर जमकर पीटा। उसके साथ रहे दोस्त को भी नहीं बक्शा गया। इतना ही नहीं बात न मानने पर झूठे मामलों में फंसाने की धमकी भी दी।
करीब एक महीने पहले बिंदापुर इलाके में पुलिस वालों ने डंडा मारकर फल विक्रेता लियाकत अली का हाथ तोड़ दिया था। आरोप है कि पुलिस वाले लियाकत से पैसे मांग रहे थे। इस मामले में उत्ताम नगर निवासी शंकर गवाह है। शंकर का आरोप है कि शनिवार रात को वह किसी काम से बिंदापुर गया था। तभी उसके दोस्त इज्जत ने बताया कि रेहड़ी चालक इरफान को पुलिस ने पकड़ लिया है। इस पर दोनों मामले की जानकारी के लिए थाने पहुंचे। जैसे ही शंकर ने अपना परिचय दिया, हेड कांस्टेबल प्रहलाद सिंह भड़क उठा और शंकर से गाड़ी की चाभी और मोबाइल छीन लिया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने दोनों को थाने में बंद कर जमकर पीटा। इतना ही नहीं शंकर को धमकाते हुए गवाही न देने की बात कही। बात न मानने पर झूठे मामलों में फंसाने की धमकी भी दी। रविवार को पुलिस अधिकारियों को जब मामले की जानकारी मिली तो दोनों को छोड़ने का आदेश दिया गया। पुलिस अधिकारियों की माने तो रेहड़ी-पटरी लगाने वाले हमेशा मनमानी करते है। ऐसे में पुलिस जब सख्ती बरतती है, तो वह पुलिस वालों पर ही आरोप लगाना शुरू कर देते हैं।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आरएस कृष्णैया का कहना है कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। मामले की छानबीन कराई जाएगी।
Sabhar Dainik Jagran